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Vaastu Tips for Main Gate of House in Hindi - प्लाट/मुख्य द्वार वास्तु शास्त्र

प्लाट/मुख्य द्वार वास्तु शास्त्र

प्लाट/मुख्य द्वार वास्तु शास्त्र।Vastu Tips for Main Gate of House in Hindi

मुख्य गेट अर्थात् सम्पूर्ण प्लाट का गेट और मुख्य द्वार अर्थात् निर्मित क्षेत्र का पहला दरवाजा बहुमन्जिली इमारतों में जो इमारत का प्रवेश द्वार है वही सबके लिए मुख्य गेट है और प्रत्येक फ्लेट का प्रवेश द्वार उस फ्लेट में रहने वालों के लिए मुख्य द्वार माना जाता है।(Best Direction For Main Gate As Per Vastu)

फेंग शुई में यह दोनों प्रवेश द्वार अति महत्वपूर्ण माने जाते हैं और इन्हें ऊर्जा का मुख कहा जाता है अर्थात् इमारत में आने वाली ऊर्जा यहीं से प्रवेश करती है। और अच्छे र प्रभाव देती है अतः इन द्वारों के आस-पास की समस्याएँ या बाधाएँ पूर्ण इमारत को प्रभावित करती हैं।(main gate vaastu in hindi)

इस खण्ड में अब हम देखते हैं कि यह बाधाएँ क्या हो सकती, उनका क्या प्रभाव हो सकता है और उनसे कैसे बचा जा सकता है।

मुख्य गेट आपकी चार अच्छी दिशाओं में से किसी एक अच्छी दिशा में होना चाहिए।


main entrance  आप की अच्छी या बुरी जिस दिशा में भी होगा वैसा प्रभाव देगा क्योंकि यह ऊर्जा का प्रवेश द्वार है। अतः इस बात का विशेष ध्यान रखें कि जिस दिशा की ऊर्जा हमें अति महत्वपूर्ण लगती है उस दिशा में ही गेट बनवाए अगर ऐसा न हो पाये तो अन्य तीन अच्छी दिशाओं में से किसी भी दिशा का उपयोग कर सकते हैं परन्तु अपनी चारों खराब दिशाओं से बचें। यदि ऐसा सम्भव न हो तो मुख्य गेट के सामने की दीवार पर बागुआ मिरर लगायें।


मुख्य द्वार वास्तु शास्त्र


मुख्य गेट और गैरेज का गेट आमने-सामने नहीं हों


गैरेज वाहन रखने का स्थान होता है और वाहन की प्रकृति है गतिमान रहना अतः वाहन उस गैरिज में आयेंगे और जायेंगे और अगर यह गैरेज ठीक मुख्य गेट अर्थात् ऊर्जा के प्रवेश द्वार के सामने हैं तो सारी ऊर्जा गैरेज में प्रवेश करेगी जिसकी प्रकृति हैं वहाँ गतिमान करना और कभी और यही प्रकृति को कभी लाभ सफलता, और रहने वाली वस्तु को कभी अपने पास रखना इमारत से बाहर भेजना उस इमारत में रहने वालों और कभी हानि, कभी कभी असफलता का सामना करवाएगी कभी आपके द्वारा किये गये कार्यों का लाभ और यश किसी दूसरे को मिल सकता है अतः गैरेज [A] स्थिति में न बनवाकर [B] स्थिति में बनवाये। (main darvaja vaastu)

यदि किसी कारणवश गैरेज [A] स्थिति में है जो कि अधिकांशतः होता है तो ऐसी परिस्थिति में गैरेज के द्वार के ऊपर की दीवार पर बागुआ मिरर और द्वार के दोनों ओर सदा हरे रहने वाले गोल पत्तियों वाले पौधों का एक एक गमला रख दें। B

मुख्य गेट और मुख्य द्वार आमने-सामने न हों


बहुमंजिली इमारतों में यह समस्या कम पाई जाती है परन्तु स्वतंत्र मकानों में अकसर यह दोष पाया जाता है और जब ऊर्जा के दोनों प्रवेश द्वार आमने-सामने होते हैं तब ऊर्जा बहुत तेजी से उस स्थान में प्रवेश करती है और अपना पूरा लाभ दिये बगैर बाहर चली जाती है। ऐसे मकानों में रहने वाले आने वाले अवसरों का पूरा फायदा नहीं उठा पाते क्योंकि जब तक वह कुछ करने की योजना बनाते है अवसर आता है।(घर का मुख्य द्वार और वास्तु)

 उतनी ही तेजी से चला भी जाता है।इस दोष को दूर करने के लिए मुख्य गेट से द्वार तक गमलों से या किसी भी प्रकार से एक ऐसे रास्ते का निर्माण करे जो सीधा न हो बीच में कहीं मुडकर फिर मुख्य द्वार पर पहुँचता हो यह मोड़ ऊर्जा की गति कम कर देता है और इस इमारत में रहने वाले अब इस ऊर्जा का लाभ उठा पाते हैं।(main gate ke liye vaastu tip)


मुख्य द्वार वास्तु शास्त्र


मुख्य गेट का आकार आपके तत्व के उत्पादकता के क्रम में होना चाहिए


main entrance  का आकार यदि आप के व्यक्तिगत तत्व के उत्पादकता के चक्र में है, तो वहाँ से आने वाली ऊर्जा आप की प्रगति में सहायक होती है और यदि गेट का आकार आप के विनाशक चक्र के अनुसार है तो अच्छी दिशा में बना हुआ गेट भी हानि का कारण बन जाता है।
मुख्य गेट के दोनों ओर लगे पौधे ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाते हैं

यदि आप पूर्व वर्ग से सम्बन्धित हैं और आप का मुख्य गेट आपकी चार अच्छी प्र दिशाओं में से किसी दिशा में है तो गेट के दोनों तरफ लगे पौधे ऊर्जा को शक्तिशाली बनाते हैं और आप की प्रगति और सफलता में सहायक होते हैं। यदि आप पूर्व वर्ग के है परन्तु मेनगेट आप की चार खराब दिशओं में से किसी एक दिशा में बना है तो पौधे इस दोष को भी कम करते है, परन्तु यदि आप पश्चिम वर्ग के है तो यह प्रयोग न करें वरना यह पौधे आप की अच्छी दिशाओं की ऊर्जा को नुकसान पहुँचा सकते हैं क्योंकि काष्ठ (Wood) तत्व आप के तत्व के विनाशक चक्र का हिस्सा है।(घर का मेन गेट डिजाइन) ऐसे में द्वार के दोनों ओर मिट्टी के खाली गमले रखें (डेकोरेटिव पाट)

मुख्य गेट सदैव प्रकाशवान रखें


मुख्य गेट ऊर्जा का द्वार होता है और यदि यह प्रकाशवान है तो जीवन भी प्रकाशवान हो जाता है, प्रकाशवान मुख्य गेट अच्छी ऊर्जा को अपनी ओर आकर्षित करता है और वह ऊर्जा उस इमारत में रहने वालों को सफलता और आनंद की अनुभूति प्रदान करती है।

मुख्य गेट के पास सेप्टिक टैंक या ड्रेनेज दुर्भाग्य का प्रतीक


मुख्य गेट ऊर्जा का द्वार होता है और उसके पास बना सैप्टिक टैंक या ड्रेनेज इन आने वाली शक्तिशाली ऊर्जा को नष्ट कर देता है और इस कारण ऐसी इमारत रहने वाले व्यक्तियों को असफलता, बीमारी, अलगाव, वैवाहिक सम्बन्धों में लझनों का सामना करना पड़ता है। इससे बचने का आसान उपाय है कि हम उस थान पर गोल पत्तियों वाले पौधों के गमले लगा दें और मुख्य गेट के आसपास भी अधिक से अधिक पौधे लगाकर जहाँ तक हो सके इस ऊर्जा को संतुलित करने का प्रयास करें।


मुख्य द्वार वास्तु शास्त्र


मुख्य गेट आसानी से खुलना चाहिए


main entrance सदैव आसानी से खुलना और बन्द होना चाहिए उसके उपयोग के समय किसी भी तरह की आवाज या रुकावट नहीं होनी चाहिए। सुविधापूर्वक कार्य करने वाले गेट से आसानी से ऊर्जा इमारत में प्रवेश कर पाती है और अपना सम्पूर्ण प्रभाव दे कर खुशहाली लाती है, और इसके विपरीत यदि गेट को खोलने में असुविधा होती है तो काफी मात्रा में ऊर्जा वही व्यर्थ हो जाती है और इमारत में ऊर्जा काफी दुर्बल स्थिति में पहुँच जाती है। इस कारण प्रभावहीन हो जाती है।(House Entrance Vastu in hindi )

मुख्य गेट का परिमाण (माप, साइज) प्लाट के अनुरूप होना चाहिए


मुख्य गेट ऊर्जा का प्रवेश द्वार होने के साथ-साथ सुरक्षा एवं व्यक्ति के स्वभाव को भी दर्शाता है। एक भव्य मुख्य गेट उसके पीछे रहने वालों के पूर्ण सुरक्षा, आत्म विश्वास एवम् प्रभावशाली व्यक्तित्व को परिलक्षित करता है एवं शक्तिशाली ऊर्जा को अपनी ओर आकर्षित करता है।(VASTU FOR MAIN ENTRANCE GATE)

नेमप्लेट और वास्तु


स्टाइलिश नेम प्लेट लगाना मुख्य दरवाजे की दीवार के डिजाइन और सजावट के सर्वोत्तम विचारों में से एक है। हमेशा नेमप्लेट लगाएं। यदि दरवाजा उत्तर या पश्चिम दिशा में हो तो धातु की नेमप्लेट लगाने की सलाह दी जाती है। यदि दरवाजा दक्षिण या पूर्व दिशा में हो तो लकड़ी की नेमप्लेट का प्रयोग करें। इसे मुख्य द्वार के बाईं ओर रखें, क्योंकि इसे अन्य पक्षों की तुलना में अधिक शुभ बताया जाता है।

मुख्य द्वार वास्तु शास्त्र


पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)


गृह प्रवेश के लिए कौन सी दिशा शुभ है?

मुख्य द्वार / प्रवेश द्वार हमेशा उत्तर, उत्तर-पूर्व, पूर्व या पश्चिम में होना चाहिए, क्योंकि ये दिशाएं शुभ मानी जाती हैं। मुख्य द्वार दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम, उत्तर-पश्चिम (उत्तर की ओर), या दक्षिण-पूर्व (पूर्व की ओर) दिशाओं में होने से बचें।

क्या लाफिंग बुद्धा को मुख्य द्वार पर रखा जा सकता है?

लाफिंग बुद्धा को घर के अंदर की ओर, तिरछे विपरीत या मुख्य द्वार की ओर मुंह करके रखें। मुख्य द्वार से घर में प्रवेश करने वाली ऊर्जा का लाफिंग बुद्धा द्वारा स्वागत किया जाता है और अवांछित ऊर्जा को शुद्ध किया जाता है।

कौन सा रंग सामने का दरवाजा भाग्यशाली है?

वास्तु के अनुसार मुख्य द्वार का रंग उसकी दिशा के आधार पर चुना जाना चाहिए, जैसा कि इस लेख में बताया गया है।

क्या हम मुख्य दरवाजे के सामने दीवार लगा सकते हैं?

वास्तु शास्त्र के अनुसार मुख्य द्वार के ठीक सामने दीवार नहीं होनी चाहिए। हालांकि, एक और दरवाजा हो सकता है जो एक कमरे की ओर जाता है।

घर के मुख्य दरवाजे के पास चौखट क्यों रखनी चाहिए?

वास्तु के अनुसार, मुख्य दरवाजे के पास एक डोरमैट जूतों से धूल और गंदगी को हटाता है; यह घर में प्रवेश करने वाली नकारात्मक ऊर्जा को भी सोख लेता है। डोरमैट के लिए प्राकृतिक कपड़े का विकल्प चुनें और इसे नियमित रूप से साफ करें। मुख्य दरवाजे के उपयोग के लिए, आयत के आकार का डोरमैट क्योंकि यह पूरे दरवाजे की जगह को कवर करता है।

क्या दक्षिण पूर्वमुखी घर अच्छा है?

घर का प्रवेश द्वार दक्षिण पूर्व दिशा की ओर मुख करना वास्तु दोष है।

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